हिंदू धर्म में घरों में धूनी (धूप) देने की परंपरा काफी प्राचीन है। अगर इसे बैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखे तो धूप देने से घर में व्याप्त सूक्ष्म विषाणु व कीटाणु नष्ट हो जाता है । मन को शांति और प्रसन्नता मिलती है। साथ ही, मानसिक तनाव दूर करने में भी इससे बहुत लाभ मिलता है और घर मे उपस्थित
राम मंदिर केस पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का रोचक दृश्य.. जज- मस्जिद के नीचे दीवारों के अवशेष मिले हैं। मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी अरोड़ा- वो दीवारें दरगाह की हो सकती हैं। जज- लेकिन आपका मत तो यह है कि मस्जिद खाली जगह पर बनाई गई थी, किसी ढ़ांचे को तोड़कर नहीं। वकील- सन्नाटा
आखिर दो दिन क्यों मनाई जाती है श्री कृष्ण जन्माष्टमी भगवान विष्णु संसार के पालनकर्ता हैं। संसार में धर्म की स्थापना व अधर्म के नाश के लिए भगवान विष्णु ने कई अवतार लिए। इनमें से कुछ अंशावतार थे तो कुछ पूर्णावतार। द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया। श्र
श्री श्री आनन्दमूर्ति दुनिया में जितनी भी चीजों की उत्पत्ति हुई है, उनके स्रोत परमात्मा ही हैं। इस वास्तविकता को कोई अस्वीकार नहीं कर सकता और यह तर्क संगत भी है। यही कारण है कि पमात्मा के अलावा जितनी चीजें आई हैं, उन सबका एक दिन जाना तय है। अगर समाज में हर कोई इस बात को सहज स्वीकार ले
स्वास्थ्य में महत्व : १-शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है। नासा के अनुसार – शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणु का नाश कर लोगों में ऊर्जा व शक्ति का संचार करता है। २ शंख में १००% कैल्शियम है। इसमें रात को पानी भर के पीने से कैल्शियम की पूर्ति होत
गुरू हर किशन जी सिखों के आठवें गुरू थे। जीवन चर्या गुरू हर किशन साहिब जी का जन्म सावन वदी १० (८वां सावन) बिक्रम सम्वत १७१३ (१७ जुलाई १६५६) को कीरतपुर साहिब में हुआ। वे गुरू हर राय साहिब जी एवं माता किशन कौर के दूसरे पुत्र थे। राम राय जी गुरू हरकिशन साहिब जी के बड़े भाई थे। रामराय जी क
मेरी पत्नी और बच्चे मुझे बिल्कुल पसंद नहीं करते…. मुझे ऐसा लगता है कि जैसे किसी को मेरी जरूरत नहीं है… क्या यही मेरे कर्म हैं – सुरेश कलरो, 72 वर्ष यहां आपको यह देखने की जरूरत है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न कैसे हुई, क्योंकि यह हालात एक दिन का परिणाम तो नहीं हो सकते। आपको इस अलग
केवल गौवंश को ही गौधन कहा गया है। भैंस, बकरी घोड़ा उपयोगी तो होते हैं, लेकिन वे सभी पशुधन की श्रेणी में आते हैं। गौवंश सुरक्षित रहेगा, तभी पशुधन का अस्तित्व भी संभव है। कम से कम भारतीय उपमहाद्वीप की प्रकृति ही ऐसी है। गौवंश से पृथ्वी के जीवों को और प्रकृति को बहुत कुछ प्राप्त होता है।
1- कुमकुम 2- केशर 3- चंदन 4- भस्म इनमें से कुमकुम – हल्दी चुना मिलकर बना होता है जो हमारे आज्ञा चक्र की शुद्धि करते हुए उसे केल्शियम देते हुए ज्ञान चक्र को प्रज्व्व्लित करता है। केशर – जिसका मस्तिष्क ठंडा शीतल होता है उसको केसर का तिलक प्रज्ज्वलित करता है। चंदन – दिम
♦ एक राजा को राज भोगते हुए काफी समय हो गया था । बाल भी सफ़ेद होने लगे थे । एक दिन उसने अपने दरबार में एक उत्सव रखा और अपने गुरुदेव एवं मित्र देश के राजाओं को भी सादर आमन्त्रित किया । उत्सव को रोचक बनाने के लिए राज्य की सुप्रसिद्ध नर्तकी को भी बुलाया गया । ♦ राजा ने कुछ स्वर्ण मुद्राये